ध्वस्तीकरण के नोटिसों को शीघ्र निरस्त किये किये जाने की मांग को लेकर किया नगरनिगम का घेराव

देहरादून। दून की मलिन बस्तियों में अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम, देहरादून द्वारा वहां के निवासियों को दिये गये ध्वस्तीकरण के नोटिसों को शीघ्र निरस्त किये किये जाने की मांग को लेकर कांग्रेसजनों व बस्तीवासियों ने नगर निगम पर जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन करते हुए नगर निगम का घेराव किया और नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

मंगलवार को पूर्व विधायक एवं मलिन बस्ती सुधार समिति के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार के नेतृत्व में कांग्रेसजन एवं मलिन बस्तीवासी बड़ी संख्या में नगर निगम में इकटठा हुए और वहां पर जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन कर नगर निगम का घेराव किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त नमामि बंसल को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि दून की मलिन बस्तियों में अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम, देहरादून द्वारा कई मलिन बस्तियों को नोटिस दिये गये है, जिसमें उनसे 2016 से पूर्व के समस्त कागजात जमा करने को कहा गया है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जबकि यह लोग तीस से चालीस वर्षों से नदी रिस्पना, एवं बिन्दाल नदी पर अपने कच्चे मकान बना कर परिवार सहित निवास कर रहे हैं और इन सभी मलिन बस्ती वासियों ने अपनी मेहनत, खून, पसीने की कमाई से अपने छोटे-छोटे मकान बना रखे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि इन बस्तीवासीगणों को कभी फल्डजोन, कभी अतिक्रमण व कभी एलिवेटेड रोड के नाम से जोड़ा जाता रहा है।

ज्ञापन में कहा गया कि जबकि नदी रिस्पना व बिन्दाल में कई सरकारी भवन जैसे विधान सभा, पुलिस कॉलोनी व अन्य कई विभागों के भवन निर्मित है, और कई जगह सरकारी भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने नदी नालों की जगह पर अतिक्रमण कर रखा है। ज्ञापन में कहा गया कि उन विभागों व अन्य प्रभावशाली लोगों को कभी भी किसी विभाग द्वारा कोई नोटिस नहीं दिया गया है. सिर्फ गरीब व निर्धन लोगों को नोटिस देकर भयभीत किया जा रहा है।

ज्ञापन में कहा गया है कि आज सभी मलिन बस्ती में निवास करने वाले लोग डरे हुए है कि कभी भी उनके आवासीय भवनों को तोड़ दिया जायेगा। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सभी मलिन बस्ती वासियों के पास पानी, बिजली, आधार कार्ड, राशनकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, गैस के कागज, बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, जीवन बीमा, बैंक खाता तथा सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज है। ज्ञापन में कहा गया कि इन सभी मलिन बस्ती में पार्षद निधि, विधायक निधि, सांसद निधि, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, सिचाई विवाग, मसूरी विकास प्राधिकरण, विद्युत विभागों द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है तथा इन सभी विभागों ने इन्हें सीवर, पानी, बिजली के कनैक्शन दिये गये है तथा नगर निगम द्वारा भवन कर भी लगा रखा है।

ज्ञापन में कहा गया कि फिर इन बस्तियों को क्यों उजाडा जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि यदि बस्ती वासियों ने अतिक्रमण करके बस्तियों में सरकार की भूमि पर अपने मकान बना कर वे वहाँ रह रहें है, तो इन सभी बस्ती निवासियों को पानी, बिजली के कनैक्शन क्यों दिये गये हैं, ये सभी बस्तियां बहुत लम्बे समय वर्ष 1977 से 1980 के बीच की बसी हुई है।

ज्ञापन में कहा गया कि इसलिए इन सभी मलिन बस्ती के निवासियों को मालकाना हक पूर्व बनी नियमावली के तहत दिया जाना उचित है और इसमें कोई तकनीकी या व्यवहारिक दिक्कतें है तो मलिन बस्तियों को उजाड़ने से पहले वहां के लोगों को पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जाए, जो भी बस्ती वासियों को ध्वस्तीकरण के नोटिस दिये गये है, उन्हें शीघ्र निरस्त किया जाये। ज्ञापन में कहा गया कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो हमें मजबूर होकर बस्तीवासियों को मुख्यमंत्री आवास का घेराव व सचिवालय का घेराव करने पर अपने अधिकारों के लिए विवश होना पड़ेगा।

इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस बस्तीवासियों के साथ है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए व्यापक स्तर पर संघर्ष करती रहेगी। इस अवसर पर प्रदर्शन करने व ज्ञापन देने वालों में पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, नीनू सहगल, अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार, विरेन्द्र बिष्ट, मुकीम अहमद, संगीता गुप्ता, कोमल वोहरा, महेंद्र सिंह, दीप वोहरा, प्रमोद कुमार गुप्ता, शकील अहमद, सोम प्रकाश वाल्मीकि, इमराना प्रवीन, मालती देवी, सविता सोनकर, मुकेश सोनकर, गुलशन, विजेन्द्र चौहान, सुनील कुमार बांगा, मोहन काला, ओम प्रकाश, राजेन्द्र खन्ना, गिरीश नेगी, जहांगीर खान, नीलम जोशी, राजू साहनी, नीलम जोशी, अरुण शर्मा, नूरजहां, कमलेश, शिव कुमार, उदयवीर मल्ल सहित अनेक कांग्रेसजन व बस्तीवासी मौजूद रहे।

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