नई टिहरी। प्रदेश में मॉनसून ने अभी तक दस्तक भी नहीं दी, लेकिन बारिश ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। टिहरी जिला मुख्यालय के बोराडी के पास वाल्मीकि बस्ती में रात को तेज बारिश से आपदा जैसे हालत बन गए थे। बारिश के पानी के साथ आये मलबे ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया। साथ ही दो कार, दो बाइक और एक स्कूटी मलबे में दब गई। कई लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई।
टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत ने बताया कि नई टिहरी शहर में जहां-जहां मलबा आने के कारण सड़कें बंद हुई हैं, उनको खोलने का प्रयास किया जा रहा है। आंचल डेरी के पास सड़क बार-बार बंद हो जाती है। इसका मुख्य कारण सेंट्रल स्कूल का निर्माण है। क्योंकि वहां का मलबा हर बारिश में सड़क पर आ जाता है। इसके लिए सेंट्रल स्कूल के अधिकारियों को मलबा हटाने के लिए कह दिया गया है।
साथ ही टिहरी नगर पालिका का कहना है कि नई टिहरी शहर के रखरखाव के लिए टिहरी बांध परियोजना को प्रतिवर्ष 8-10 करोड़ सीएसआर मद से देने चाहिए। क्योंकि नई टिहरी शहर को टिहरी बांध परियोजना ने पुरानी टिहरी शहर के बदले बसाया गया है और नई टिहरी में सुविधा देने का काम भी टिहरी बांध परियोजना का है। उप जिलाधिकारी संदीप कुमार ने कहा कि रात को तेज बारिश के चलते वाल्मीकि बस्ती में जो मलबा घुसा है उस मलबे में 29 परिवारों को नुकसान हुआ है। इन परिवारों के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। साथ कि राशन की व्यवस्था भी की जा रही है।
स्थानीय व्यक्ति दीपक कुमार ने बताया कि उनकी बस्ती के ऊपर एक नाला है, जो पूरी तरह से जाम हो चुका था। रात को तेज बारिश हुई तो पूरे शहर का पानी इधर आ गया और जिससे यहां पर आपदा जैसे हालत हो गए थे। घरों में कई फीट तक पानी भर गया था। कई गाड़ियां बह गई। कई लोग तो रात को घर में ही फंस गए थे, जिन्हें आस पड़ोस के लोगों ने दरवाजा तोड़कर निकाला।
नई टिहरी में 33-34 करोड़ की लागत से बनाया जा रहे केंद्रीय विद्यालय की सुरक्षा दीवार भी तेज बारिश होने से ढ़ह गई। ग़नीमत रही कि दीवार रात को गिरी, अगर दिन का समय होता तो बड़ा नुकसान होने की आशंका थी। केंद्रीय विद्यालय का निर्माण करने वाली कृष्णा बिल्डर्स एजेंसी के इंचार्ज सौरभ जैन ने कहा कि तेज बारिश होने के कारण यह सुरक्षा दीवार टूटी है, जिससे 40 लाख के करीब का नुकसान हुआ है, लेकिन बिल्डिंग पूरी तरह से सुरक्षित है। समय-समय पर बिल्डिंग की गुणवत्ता की भी जांच करवाई जाती है, लेकिन जो नुकसान हुआ है उसके लिए मुआवज़ा की मांग करेंगे। कृष्णा बिल्डर्स एजेंसी के सौरभ जैन ने बताया कि हमारे द्वारा सितंबर 2025 तक यह विद्यालय बनाकर तैयार करना है जिससे कि अगले सेशन में बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके।