रुद्रप्रयाग। चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर ताला तोक में ट्रीटमेंट का कार्य कछुवा गति से होने और निर्माण कार्यांे में गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने से तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों व स्थानीय जनता में विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। विभागीय अनदेखी के कारण ताला तोक में कई वाहन आवाजाही करते समय हादसे का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है और वे प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
आपदा के दस माह गुजर जाने के बाद भी ताला तोक का सही तरीके से ट्रीटमेंट नहीं होने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। आगामी बरसात से पूर्व यदि आपदा से क्षतिग्रस्त ताला तोक का ट्रीटमेंट सही ढंग से नहीं किया गया तो तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ ही केदारनाथ से तुंगनाथ धाम व बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ेगा। स्थानीय जनता का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को सुगम व सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ आपदा के 10 माह बाद भी ताला तोक का सही तरीके से ट्रीटमेंट न होने से स्थानीय जनता व तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले पर्यटकों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
बता दें कि विगत वर्ष बीस जुलाई को तुंगनाथ घाटी में मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने से ताला तोक के निचले हिस्से मंे भूस्खलन होने से कुंड-चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 107 का बड़ा हिस्सा भूस्खलन की भेंट चढ गया था, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई दिनों तक यातायात ठप रहने से तुंगनाथ घाटी सहित तुंगनाथ धाम का तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया था। कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय राजमार्ग ने यातायात बहाल तो किया, मगर आपदा से क्षतिग्रस्त भूभाग का ट्रीटमेंट कछुवा गति से होने तथा निर्माण कार्यो में गुणवत्ता को दरकिनार करने से दर्जनों वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं, जिससे वाहनों के साथ ही यात्रियों को नुकसान पहुंच रहा है।
उषाड़ा के प्रशासक कुंवर सिंह बजवाल का कहना है कि विभागीय लापरवाही का खामियाजा वाहन स्वामियों को भुगतना पड़ रहा है। क्यांेकि ताला तोक में सफर करते समय कई वाहनों के पलटने से वाहनों को भारी नुकसान पहुंच गया है। समय रहते ताला तोक का सही तरीके से ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो आने वाले समय में बडी घटना घटित हो सकती है। पूर्व प्रधान का कहना है कि विभागीय अधिकारियो से ताला तोक का ट्रीटमेंट शीघ्र करने की गुहार लगाई जा रहा है, मगर विभागीय अधिकारी ग्रामीणांे की फरियाद सुनने को राजी नहीं हैं।
ग्रामीण महिपाल बजवाल ने बताया कि आपदा के दस माह बाद भी ताला तोक का ट्रीटमेंट कछुवा गति से होने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे मंे आ गयी है। उन्होंने कहा कि यदि आगामी बरसात से पूर्व ताला तोक का सही ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो ग्रामीणों के साथ तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें बढ सकती हैं। वहीं विभागीय अभियंताओं का कहना है कि राजमार्ग पर चल रहे कार्य की जांच की जाएगी और ठेकेदार को जल्द कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश