देहरादून। भाजपा ने वन नेशन वन इलेक्शन पर उत्तराखंड कांग्रेस की राय को दुर्भाग्यपूर्ण और विकास बाधित करने की सोच बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मे किये गए प्रयास ईमानदारी से होते तो यह विचार धरातल पर उतरता और चुनाव के चलते न विकास बाधित होता और न ही ला एंड ऑर्डर पर कोई फर्क पड़ता। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि आजादी के बाद इसी नीति में 4-4 सरकारें बनाने वाली पार्टी अब हार के डर से विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर गठित जेपीसी के सामने उत्तराखंड भाजपा ने इस कदम के समर्थन में अपना मत स्पष्ट किया है। हमारा मानना है कि विकसित भारत निर्माण की गति तेज करने, चुनावी खर्च को घटाने, विकास कार्यों को निर्बाध करने, संसाधनों का दुरुपयोग रोकने तथा मतदाताओं को अधिक मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए यह अति आवश्यक कदम है।
उन्होंने इस मुद्दे पर कमेटी के माध्यम से सामने आई उत्तराखंड कांग्रेस की राय को स्वार्थ और नकारात्मक सोच से प्रेरित बताया। चौहान ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक और हैरान करने वाली बात है कि 1952 से लेकर 1965 तक देश में सभी चुनाव एक साथ चुनाव पर जीतने वाली कांग्रेस अब इसका विरोध कर रही है। दरअसल सच तो यह है कि कांग्रेस पार्टी ने स्वयं की स्थिति कमजोर होते देख, देश में जमकर अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया था। तब थोक में विपक्षी सरकारों को गिराया, जिसका नतीजा यह रहा कि यह व्यवस्था समाप्त हो गई। वहीं आज भी कांग्रेस के नेता जानते हैं कि उनके लिए पूरे देश में चुनाव जीतना तो दूर, एक साथ चुनाव लड़ना संभव भी नहीं है। यही वजह है कि खुद को सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी बताने वाली कांग्रेस, अब क्षेत्रीय पार्टियों के हितों की आड़ लेकर इस कदम का विरोध कर विकास को रोकना चाहती है।
उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि धारा 370, श्रीराम मंदिर निर्माण, तीन तलाक, जीएसटी, नागरिकता संशोधन जैसे अविश्वसनीय कार्यों की तरह इस व्यवस्था को भी मोदी जी पुनर्स्थापित करके रहेंगे, चाहे विपक्ष लाख विरोध करे।